Thursday 22 October 2015

Shree Ban Mataji Ke Dohe

धराउ दिशे धुंधळा , उड़े रंग बिरंगी गुलाल ।
बायण हंस चढ़ आ रह्या , बाजे घोड़ा री खड़ताल ।।
बायण संग भेरू आया , श्वान री होय असवारी ।
चित्तोड़ गढ़ नोपत गुर रह्या , घूमर रमवा री तैयारी ।।

जय माँ बायण जय एकलिंग जी जय खेतलाजी

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