धराउ दिशे धुंधळा , उड़े रंग बिरंगी गुलाल ।
बायण हंस चढ़ आ रह्या , बाजे घोड़ा री खड़ताल ।।
बायण संग भेरू आया , श्वान री होय असवारी ।
चित्तोड़ गढ़ नोपत गुर रह्या , घूमर रमवा री तैयारी ।।
जय माँ बायण जय एकलिंग जी जय खेतलाजी
श्री बाण माताजी भक्त मण्डल जोधपुर का मुख्य उद्देश्य श्री बाण माताजी का इतिहास, दोहे, श्लोक भजन, मंदिरों की जानकारी एवं बाण माताजी के चमत्कारों को जन-जन तक पहुँचाना हैं।
सोनाणा खेतलाजी का सक्षिप्त इतिहास- भक्तों चैत्र की शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि हैं वैसे तो पुरे भारत वर्ष में आज से नवरात्रि शुरू होंगे लेकिन ...
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