चितौड़गढ़ किलो घणो प्यारो,
भक्ता रे मन भावे न्यारो,
बाण माँ री महिमा अपरम्पार,
सिसोदियो री शक्ति रो पायो नही पार ,
आ धरती शूरवीरा री जननी,
इण री महिमा जाये न बरणि ,
किले में गूंजे तलवारा री बाणि,
भूमी सु आभे ताणि,
अठे होवे क्षत्राणिया रा जौहर,
बचावे लाज और बने मेवाड़ी गौरव,
बप्पारावल इण वंश रा पेला शासक ,
बाण माँ रा परम भक्त , द्विग्विजय हा वे शासक ,
हमीर सिहं जी शिशोदा ठाकुर ,
बाण माँ भक्त शूरवीर रण बांकुर,
राणा कुंभा कुम्भलमेर बसायो ,
इण धरा पर अपनो मान बढ़ायो,
राणा सांगा वीर योद्धा अस्सी घावों में ही काया,
गुजरात, हरियाणा, पंजाब में मेवाड़ी ध्वज लहराया,
राणा उदयसिंह शहर बसायो,
जिणने उदयपुर नाम स्युँ जणायो,
राणा प्रताप री काई थाने बात बतावा,
लिखता व्यारी प्रशंसा मैं खुद थक ज्यावा,
सवा मणि रो भालो व्यारो ,
जिणसु डर अकबर आयो कोनी रण में बैचारो,
महाराणा मेवाड़ धरा री राखे मुँछ मरोड़,
उण बाना री आज जुगत में हुवे न होवे होड़,
चितौड़गढ़ रो नाम है मोटो,
इण किला ने है बाणेश्वरी माँ रो ओटो,
करे रखवाली चितौड़ धणियाणी ,
इण किला में गुंजे जय मेवाड़ जयकारी,
बाणेश्वरी माँ री महिमा गावा,
नाम लेवा सु भव पार उतर जावा,
" जय कुलदेवी माँ जग जननी बाणेश्वरी माँ "
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