Monday 29 August 2016

श्री बाण माताजी महिमा 02

साँस साँस माँ री ऋणी , अपार हैं उपकार |
चाकर सेवा में राखजै , लेसु जनम हजार ||
माँ बायण री ममता में , फले फुले संसार |
आ धरती बायण बिना , लागे हैं बेकार ||
बायण चरणा में मिले , हर तीरथ रो वास |
बायण सु म्हाने मिलियों , अद्भुत प्रेम अहसास ||
साँचो सेवक आपरो , हर दिन करें अरदास |
पकड़ बाँह बाळक री , रेजो हरदम पास ||
चित्तौड़ गढ़ वाली मावड़ी , देदो एक वरदान |
बायण चरणा चित लागि रहे , धरु पल-पल ध्यान ||
चार भुजा अति सोभणि , अद्भुत रूप अनूप |
थारी महिमा गा रह्या , सुर सन्त महाभूप ||
माँ मन री सब जाणती , हियो ज्यारों अनमोल |
सेवक आशा पुरजे , पुरों खजानो खोल ||

श्री बाण माताजी सुप्रसन्न
श्री बायण माता सदा सहाय
श्री ब्राह्मणी माता प्रसन्नोस्तु
श्री बाणेश्वरी दैव्ये नम:

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Sunday 28 August 2016

श्री बाण माताजी महिमा 01

बायण माँ की भक्ति करों , रोज नवाओं शीश |
ख़ुशी होय माँ देवसी , लाखों सुख आशीष ||
धणियाणी चित्तौड़ री , ऊँची ज्यारि शान |
हंस सवारी सोवणि , हाथा धनुष - बाण ||
सुर नर करें सेवना , ध्यावे नित महेश |
ब्रह्मा , विष्णु सेवा खड़ा , पाणी भरे इन्द्रेश ||
ध्यावे जो भी ध्यान सु , सारे उणरा काम |
दीन दुखिया नित आवता , गढ़ चित्तौड़ धाम ||
माँ बायण करती सदा , भव सागर सु पार |
इणरी थे सेवा करों , देसी जीवन तार ||
बायण मोटी मावड़ी , इणसूं बढ़ न कोय |
जो इणरी भक्ति करें , सुख संपति सामी जोय ||
माँ बायण रे आशीष सु , बणिया मोटा महिपाल |
सहाय करण स्वयं आई , इणसो नही प्रतिपाल ||
भू मण्डल पातळ में , चावी चारों ओर |
संकट इण सामी नी टिके , लगाले पुरो जोर ||
माँ बिन नही मैं जीवसु , भुंडा होसी हाल |
सेवा चरणा हित राखजै , कह रह्यो थारो लाल ||
जोधाणा रे मायने , बेठी बायण मात |
खेतलाजी हैं लाडला , रामदे सदा साथ ||
अनुराधा माँ अरज करें , नित गावे गुणगाण |
बायण बायण नित रटे , दूजो आवे न जुबाण ||

श्री बाण माताजी प्रसन्न
श्री बायण माता सदा सहाय
श्री ब्राह्मणी माँ प्रसन्नोस्तु
श्री बाणेश्वरी दैव्ये नम:

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Saturday 27 August 2016

माँ बायण की महिमा

सेवक की सुन मेरी कुल माता हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।।
धूप दीप नारियल ले हम माँ बायण की भेट धरें ।।
सिसोदिया गहलोत कुल की कुलदेवी माँ हो खुश हम पे कृपा करे ।
सुन मेरी माता तुम सुख दाता , कष्ट हमारे दूर करे ।।
बुद्दि विधाता तुम कुल माता , हम सब का उद्धार करे ।
चरण शरण का लिया आसरा तेरी कृपा से काज सरे ।।
बॉह पकड कर आप उठाओ , हम शरण तेरी आन पडे ।
जब भीड पडे भक्तो पर , तब माँ बायण सहाय करे ।।
हंस आरूढ़ होय अम्बिका राणा हमीर री सहाय करे ।
जंग जिता राज दिलाया , महाराणा पदवी राण धरे ।।
कन्याकुमारी अर वरदायिनी , माँ तुमने ही रूप धरे ।
दोष न देख अपना लेना , अच्छे बुरे पूत हम तरे ।।
माँ बायण की महिमा जो गावे , माँ उसके भण्डार भरे ।
दर्शन ताहिं जो नर आवे , माँ उसकी मंशा पूरी करे ।।
कुलदेवी को जो ध्यावे , माँ उसके कुल में वृद्दि करे ।
कलि में कष्ट मिटेगें सारे , माँ की जो जयकार करे ।।

श्री बाण माताजी प्रसन्न
श्री बायण माता सदा सहाय
श्री ब्राह्मणी माता प्रसन्नोस्तु
श्री बाणेश्वरी दैव्ये नम:

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मन मायड़ रे ममता भरी.....

मन  मायड़ रे ममता भरी , आँचल में आशीष |
आप समान दूजो नही , चरण नवाऊँ शीश ||
कटक सो संसार हैं , टिके न कठै पाँव |
अपनापन आप बिना , बायण बिन न ठाव ||
भूखा ने भोजन दीयों , निर्धनिया ने धन |
प्रेम पायों सब जुगत रा , अद्भुत थारो मन ||
सब संकट सु टारने , म्हाने लीन्हों पाल |
ऋण थारो चुके किया , सोचे थारो लाल ||
स्वारथ हैं ना कोई , ना कोई हैं व्यापार |
मायड़ वाळो प्रेम हैं , शीतल सुखद बयार ||
बायण ने जो पूजता , हिये उजाळो होय |
महिमा वर्णन कर सके , एसो जन्मियों न कोय ||
अनुराधा गुण गावती , अटूट हैं थासु प्यार |
शरणा नित म्हाने राखजो , एक थारो आधार ||

श्री बाण माताजी सदा प्रसन्न
श्री बायण माता सदा सहाय
श्री ब्राह्मणी माता प्रसन्नोस्तु
श्री बाणेश्वरी दैव्ये: नम:

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Friday 26 August 2016

बायण सु बढ़ न कोय

बायण सु बढ़ जाणिये , नही जगत में कोय |
मायड़ री ममता सु , सेवक उऋण न होय ||
बायण बड़ी है मावड़ी , हियो ज्यारों उदार |
जो मायड़ री सेवा करें , होवे उण रों उद्धार ||
बायण गंगा री धार हैं , तन-मन करें पवित्र |
इण सु बढ़ अर कुण हैं , इण दुनिया में इत्र ||
करुणा मयी म्हारी मावड़ी , हृदय ज्यारों मोम |
बाळक दुःखी न देखती , आवे दौड़ी उण भोम ||
दिन दुगणि सेवा करों , राखों माँ रो मान |
प्रसन्न भवानी होवसी , देसु खुशियाँ खाण ||
हर घर हर प्रान्त में , बणिया मन्दिर महान |
भक्तों रा भिड़ा पड़े , धरे डोकरी ध्यान ||
इण सेवा सु सुर हैं तिरिया , गावे नित गुणगाण |
बायण बाणेश्वरी आप हो, आप हिज ब्राह्मणी बाण  ||
बायण बिन दुनिया नही , चरणा चारोंधाम |
' अनु ' भव पार वो भयो , जावत हैं सुरधाम ||

जय श्री बाण माताजी
श्री बायण माता सदा सहाय
श्री ब्रह्माणी माता प्रसन्नोस्तु
श्री बाणेश्वरी देव्यें नम:

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● कृपया कविता में काँट छांट न करें

Thursday 25 August 2016

श्री बायण दर्शन जावणो

जोधाणे रे मायने  , धूम मची चहु ओर |
बायण दर्शन जावणो , मनवा नाचे मोर ||
द्वापरयुग रे मायने , उमा लियो अवतार |
कन्या रूप कुमारी ले , दीयों बाणासुर मार ||
घर-घर बायण नाम री , मची हुयी हैं धूम |
ज्योतिनगर जोधाणा रा वासी , रह्या ख़ुशी सु झूम ||
खत्म पाप ने मात कीन्हो , छायो जग उल्लास |
परचा नित नया दे  , बढ़ा रही विश्वास ||
खेतलाजी अर रामदेव जी , सदा रहे थारे पास |
ध्यावे धणीया प्रेम सु , पुरे मन री आस ||
मायड़ रे ममता री , दे रही मिसाल |
अनुराधा हैं लाड़ली , बायण बिन बेहाल ||
बायण नाम हैं जो जपे , आय बचावे लाज |
सुख संपति शरणा पड़े , पूरण होवे काज ||
धनुष बाण हाथा भला , अद्भुत थारो भेष |
हंस आरूढ़ होय अम्बिका , आवो मरुधर देश ||
भक्ता में मन भावणो , रामो थारे ख़ास |
रात दिन थारो नाम रटे , राखो हिरदा में वास ||
महेंद्र मन रो हैं भोळो , सदा करें गुणगाण |
हाथ पकड़ ने मावड़ी , सदा रहिजे अगवाण ||

Monday 15 August 2016

श्री ब्रह्माणी माँ नमोस्तुते

माँ ब्रह्माणी नमो नमः
हे रुद्राणी नमो नमः
वैकुण्ठ वासिनी नमो नमः
जय माँ बायण नमोस्तुते

मात सताक्षी नमो नमः
दुर्गम विनाशी नमो नमः
हे सुख-राशि नमो नमः
बप्पा भूप तारणी माँ नमोस्तुते

संकट हारिणि नमो नमः
कष्ट निवारिणी नमो नमः
माँ भव तारिणी नमो नमः
हंस वाहनी माँ नमोस्तुते

हे जग जननी नमो नमः
कामना पूर्णि नमो नमः
कुमारी रूपणी नमो नमः
नमो नमः बायण माँ नमोस्तुते

हे परमेश्वरी नमो नमः
कन्या कुमारी माँ नमो नमः
हे विश्वेश्वरि नमो नमः
श्री बायण माँ नमोस्तुते

दुर्गा रूपेण नमो नमः
लक्ष्मी रूपेण नमो नमः
विद्या रूपेण नमो नमः
बायण माँ नमोस्तुते

भुवन वंदिनी नमो नमः
द्वारा निकन्दिनि नमो नमः
हंस वाहिनी नमो नमः
धनुष-बाण धारणी माँ नमोस्तुते

शक्ति-स्वरूपा नमो नमः
हे भव-भूपा नमो नमः
अनन्त अनूपा नमो नमः
बाणेश्वरी  माँ नमोस्तुते

अति सुख दायिनी नमो नमः
करुणा नयनी नमो नमः
हे वर दायनी नमो नमः
जय बायण माँ नमोस्तुते

मंगल करनी नमो नमः
अमंगल हरणी नमो नमः
अभया वरणी नमो नमः
जोगंमाया माँ नमोस्तुते

सुर धाम निवासिनी नमो नमः
हे अविलासिनि नमो नमः
दैत्य विनाशिनी नमो नमः
ब्राह्मणी माँ नमोस्तुते

शैल पुत्री नमो नमः
ब्रह्म-चारिणी नमो नमः
चन्द्रघंटा नमो नमः
चित्तौड़गढ़ वाली माँ नमोस्तुते

माँ कुष्मांडा नमो नमः
स्कन्द माता नमो नमः
हे बाणेश्वरी माँ नमोस्तुते

कालरात्रि नमो नमः
हे महागौरी नमो नमः
सिद्धिदात्री नमो नमः
जय बायण माँ नमोस्तुते

हे करुणामयी नमो नमः
हे ममतामयी नमो नमः
भक्त-वत्सला नमो नमः
बायण माँ नमोस्तुते

माँ ब्रह्माणी नमो नमः
हे रुद्राणी नमो नमः
वैकुण्ठ वासिनी नमो नमः
चित्तौड़ वाली माँ नमोस्तुते

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