Monday 14 November 2016

Shree Ban Mataji Dohe 05

वंदन करूँ वरदायिनी , करजे मो कल्याण |
चरणा में सेवा नित करूँ , धरूँ हमेशा ध्यान ||

श्री बायण माताजी रे चरणों री रज , मस्तक पर लगाऊ |
भक्तिं करूँ हमेशा मैया तेरी , सब देवा में तुझे मनाऊँ ||

नमो माता ब्राह्मणी , धराऊँ सोळाह श्रृंगार |
मन मंदिर में आप बसों , उपजे शुद्ध विचार ||

आदि शक्ति की वंदना , करके शीश नवाऊँ |
भक्त भवानी का रिश्ता पुराना , नित उठ गुण गाऊँ ||

क्षमा करो अपराध को , जान मुझे अंजान |
चरणा की रज चाहता हूँ , मैं बालक नादान ||

|| जय श्री बाण माताजी ||

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