Sunday 27 November 2016

श्री बायण माताजी स्तुति पार्ट-03

श्री बायण माताजी की स्तुति पार्ट-03

हे महामायास्वरूपे ! अपने विशाल हाथों में वेद, कमण्डल और धनुष-बाण धारण करने वाली, अपने भक्तों को अभयदान देने वाली माँ, मेरा आपको कोटि-कोटि प्रणाम ।
हे माँ बायणेश्वरी ! आपका प्रभाव लोक प्रसिद्ध हैं, सदैव आपका प्रताप लोक रक्षा के लिए समय-समय पर विविध रूपों में प्रकट होता हैं । पश्चिम में आप बाण, बायण माता, ब्रह्माणी माता, वरदायिनी माता और दक्षिण में कुमारी अम्मा के नाम से विख्यात हो । आप पापियों के विनाश के लिए कालस्वरूपा हैं । हम जैसे मंदबुद्धि आपके गहन चरित्र के समझने में सर्वथा असमर्थ हैं । मेरा आपको कोटि-कोटि प्रणाम ।
हे माँ बायण माता ! ब्रह्मा, विष्णु, महेश, वायु, इंद्र, यम, वरुण, अग्नि तथा सूर्य, चंद्रादि सभी देवता, ऋषि-मुनि और वेद-शास्त्र आदि आपके प्रभाव को नही जान सकते । आपकी महिमा अनुपम और अवर्णनीय हैं । मेरा आपको कोटि-कोटि प्रणाम ।
हे ब्रह्माणी देवी ! आपकी महिमा का अंत वेदवेत्ता विद्वान् भी नही पा सके । यहां तक कि स्वयं वेद भगवान भी आपकी महिमा के अंत को पाने में असमर्थ हैं, इसी संदर्भ में ही आपकी महिमा को जानने के प्रयास में शास्त्रों का आविर्भाव हुआ हैं ।
हे बाण माता ! अन्य देवी-देवताओं को छोड़ कर एक मात्र आपकी शरण में आने वाले और आपका पूजन करने वाले सचमुच धन्य हैं । वस्तुतः आप जैसा अपने भक्तों के लिए ममतामयी स्वरुप और कोई भी देवी-देवता नही ।
हे माँ बायण माता ! आपने ही संसार के सभी पदार्थों की सृष्टि की हैं । और आप ही सभी पदार्थों की प्रभावमयी शक्ति हैं । वस्तुतः जिस प्रकार नट अपने बनाए नाटक में स्वच्छन्द विचरण करता हैं, उसी प्रकार आप इस संसार में लीला करती हैं । मेरा आपको कोटि-कोटि प्रणाम ।
हे बाणेश्वरी ! इस संसार को बड़े से बड़ा कोई बुद्धिमान आपके चरित्र को समग्रता से नही जान सकता । मुनिगण, नारद तथा सनकादि भी आपकी महिमा को जानने में असमर्थ हैं । वस्तुतः आप का चरित्र अनिवर्चनीय हैं । मेरा आपको कोटि-कोटि प्रणाम ।
हे माँ बाण मैया ! यह सारा संसार आपके गले में माला के समान विभूषित हो रहा हैं । संसार के आश्रयभूता और लज्जास्वरूपा आपको मेरा कोटि-कोटि प्रणाम ।

🚩 चित्तौड़गढ़ राय , सदा सेवक सहाय 🚩
📣 @[306557149512777:]

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