Monday, 2 November 2015

Shree Ban Mataji Or Bappa Rawal

ब्राह्मणी तू बाण माता , जगदम्बा भवानीह ।
तू देवी चित्तोड़ धणी , सेवा करे सिसोदिह ।।
बप्पा बाळक आपरो , चाले नित थारी राह ।
गढ़ जीत्या मोकळा , बणायो चित्तोड़ मंदराह ।।
बप्पा बलपत महावीर , झुकिया कद नाह ।
आई बेल ब्राह्मणी , राखी छत्र चाह ।।
भवानीह माँ भगवती , भव्याह भगवत भाण ।
या देवी बायण माँ , सेवा करे नित राण ।।
दरश दीजो उपरकार करो , आईज इक चाह ।
भक्तिं करू भय हिन भयी , राखो चरणा माह ।।
भजियो जिण भव सु , बायण थारो नाम ।
कीरत भयी चहु ओर में , बणिया बिगड़िया काम ।।
संकट सुमरो सेवको , बायण दौड़ी आय ।
महेंद्र सिंह शरण में थारी , चरणा सुख पाय ।।

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