Friday, 6 November 2015

श्री बाण माताजी की असवारी हंस

खेंचलों थारे हंस री नकेल बाण मैया.......
ढ़ीली छोड्या बाण माँ थाने ले जासी कंही और .....
हंसलो मोड़ दो बाण मैया थारे भगताँ की और ...||
आवो म्हारे आंगणे बैठो इण ठौड़........
हंसलो मोड़ दो बायण थारे भगताँ की और....||

श्री बाण माताजी की प्रिय सवारी हंस

जय माँ बायण जय एकलिंग जी जय सोनाणा खेतलाजी जय हंस राजा

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