चार भुजा माँ शस्त्र धार , होती हंस सवार |
महामाया बाणेश्वरी , रखिये लाज हमार ||
धनुष-बाण ले हाथ में ,ज्योतिर्मय है रूप |
कृपा होय जो आपकी, मिले न दुःख की धूप ||
द्वार थारे खेतल बिराजै , करते दुष्ट विनाश |
चार भुजा मैया तेरी, देती सदा विश्वास ||
जननी तुम ब्रह्मांड की,अमृत कलश धर हाथ |
आठम चवदस आराधना , देत सदा माँ साथ ||
हंस सवारी होय ने , करती सदा कल्याण |
मात ब्राह्मणी रूप रो ,धरूँ सदा मैं ध्यान ||
बाणासुर संहार को , लियो आप अवतार |
चहु लोको में हो रही , तेरी ही जयकार ||
रूप भयंकर आपका , होती सिंह सवार |
भक्तों का दुःख हरती माँ,करती असुर संहार ||
रूप वरदायिनी आपका , माँ बायण कहलाय |
जो पूजा करे प्रेम से ,जनम सफल हो जाय ||
महामाया मातेश्वरी , दे सबको वरदान |
नाश दुखों का होय सब ,मिले अलौकिक ज्ञान ||
जय चित्तौड़राय
👍 @[306557149512777:]
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