एक बार बाण माँ तू घर आजा
अपने दर्शन मुझे तू दे जा....
अश्क़ों से ये नैन भरे है
राहों में काँटे बिखरे है
राग,द्वेष मन में बढ़ा है
अभिमान अब सर चढ़ा है
बोलो कैसे तेरे पास मैं आऊँ
दुःख की ये बेड़ियाँ मिटाऊँ
एक बार बाण माँ तू घर आजा
अपने दर्शन मुझे तू दे जा....
ख़ुदगर्ज़ी में डूबी है नय्या
नफ़रत का ना कोई खिवय्या
पाप के दलदल में डूबे है
आत्मा भी अब पलपल चुभे है
जात,धर्म में उलझ रहे है
धोका,लालच से ना सुलझ रहे है
एक बार बाण माँ तू घर आजा
अपने दर्शन मुझे तू दे जा.....
तू सब में इतनी शक्ति भर दे
सब के दिल का डर तू हर दे
सब सहने का हमें ज्ञान दे
है हमारे साथ तू बस ये भान दे
रातदिन मैं तुझे मनाऊँ
बस तेरे दर्शन अब मैं पाऊँ
एक बार बाण माँ तू घर आजा
अपने दर्शन मुझे तू दे जा.....
जय श्री बाण माताजी
जय श्री सोनाणा खेतलाजी
👍 @[306557149512777:]
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