तुही आदि अन्नादि वाणी विधाता , तुंही रिद्धि सिद्धि नवनिद्धि दाता |
वदे क्रोड़ सुर तेतीस आह्वाण , नमो बाणेश्वरी माता बाण ||
कळा चंद्र ज्योति झळेळ कपाळ , वळे कुंडळ कान शोभत माळ |
बैठी गढ़ चित्तौड़ धनुष-बाण ताण , नमो बाणेश्वरी माता बाण ||
वंदन करूँ मेवाड़ी मात , हरदम रेहिजे म्हारे साथ |
संकट सब माँ बायण टाळ , नमो बाणेश्वरी माता बाण ||
कई दैत्य मार दळ झेर कीधा , देवी भक्ता ने सुख आणंद दीधा |
जो ध्यावे मिळे खुशियां री खाण , नमो बाणेश्वरी माता बाण ||
बप्पा रावल रे सेव माँ आवी , राज मेवाड़ी आप दिरावी |
गुहिलोतों रो आप बढ़ायों माण , नमो बाणेश्वरी माता बाण ||
सुर तेतिसा बन्द छुड़ावै , मात बायण री महिमा गावै |
ध्यावे मेवाड़ी महाराण , नमो बाणेश्वरी माता बाण ||
दुःख दाळद माँ दूर करती , अन्न-धन्न रा भंडार भरती |
भव में करें भक्तो कल्याण , नमो बाणेश्वरी माता बाण ||
ज्यो अम्बिका त्रयंबका जोगमाया , परा पार ॐकार पारं न पाया |
पायो न पार होवे ना बखाण , नमो बायणेश्वरी माता बाण ||
सेवकिया री आवों आराधा , भक्तों में प्यारी अनुराधा |
महेंद्र सिंह करें गुणगाण , नमो बाणेश्वरी माता बाण ||
🚩 आवों आह्वाण , मातेश्वरी बाण 🚩
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