श्री बाण माताजी के तिलक किसका लगाए?
अक्सर मैंने कई लोगो को श्री बाण माताजी के कुमकुम या केशर का तिलक लगाते हुए देखा हैं, पूर्ण जानकारी के अभाव में ही यह सब हो रहा हैं।
सिसोदिया गहलोत वंश कुलस्वामिनि श्री बाण माताजी को चन्दन का तिलक लगाने का विधान हैं, माताजी को चन्दन अर्पण करने का भाव यह हैं कि हमारा जीवन आपकी कृपा से सुगंध से भर जाए तथा हमारा व्यवहार शीतल रहे यानी हम ठंडे दिमाग से काम करें।
पर्वताग्रे नदीतीरे रामक्षेत्रे विशेषतः|
सिन्धुतिरे च वल्मिके तुलसीमूलमाश्रीताः||
मृदएतास्तु संपाद्या वर्जयेदन्यमृत्तिका |
द्वारवत्युद्भवाद्गोपी चंदनादुर्धपुण्ड्रकम् ||
चंदन हमेशा पर्वत के नोक का, नदी तट की मिट्टी का, पुण्य तीर्थ का, सिंधु नदी के तट का, चिंटी की बाँबी व तुलसी के मूल की मिट्टी का चंदन ही उत्तम चंदन है। तिलक हमेंशा चंदन या कुमकुम का ही करना चाहिए। कुमकुम हल्दी से बना हो तो उत्तम होता हैं।
लेकिन बाणमाता को प्रसन्न करने हेतु उन्हें केवल चन्दन का ही तिलक लगाए। किसी की बातो में न आए एवम् यह अमूल्य जानकारी सभी भक्तों तक पहुँचाने में हमारा योगदान करें शेयर करें!
🚩 चित्तौड़गढ़ री राय, सदा सेवक सहाय 🚩
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