जय माँ बायण देवी नमो वरदे , जय पापविनाशिनि बहुफलदे |
जय बाणासुर दैत्य संहारिणी , प्रणमामि तू देवी नरार्तिहरे ||
जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे , जय पावकभूषितवक्त्रवरे |
जय मधुकेटपमारण सहायकारिणी , जय लोकसमस्तकपापहरे ||
जय दुःखदरिद्रविनाशकरे , जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे |
जय देवी समस्तशरीरधरे , जय नाकविदर्शिनी दुःखहरे ||
जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करें , जय वांछितदायिनी सिद्धिवरे |
जय श्री बायण माँ नमो वरदे , जय पापविनाशिनि बहुफलदे ||
श्री बाण माताजी भक्त मण्डल जोधपुर का मुख्य उद्देश्य श्री बाण माताजी का इतिहास, दोहे, श्लोक भजन, मंदिरों की जानकारी एवं बाण माताजी के चमत्कारों को जन-जन तक पहुँचाना हैं।
Tuesday, 13 December 2016
श्री बाण माताजी श्लोक-12 (स्तुति)
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