श्री बाण माताजी मंदिर परिहारों की ढाणी ( लुणावास खारा , जोधपुर )
मंदिर का निर्माण देचू से पलायन कर यहां ( लुणावास खारा ) में बसे आसावत राजपूतों ने कराया हैं ।
देचू मंदिर का इतिहास आप इस ब्लॉग पर देख सकते हैं ।
' सेव्य सदा सिसोदिया ,माहि बंधियों माण ।
धनुष-बाण धारण करी , बण तूँ माता बाण ।।
माँ जगदम्बा अवतरी , राखण सुरपत शान ।
होय आरूढा हंस पर , कर लीना धनुष-बाण ।।
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