सेवक की सुन मेरी कुल माता हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।।
धूप दीप नारियल ले हम माँ बायण की भेट धरें ।।
सिसोदिया गहलोत कुल की कुलदेवी माँ हो खुश हम पे कृपा करे ।
सुन मेरी माता तुम सुख दाता , कष्ट हमारे दूर करे ।।
बुद्दि विधाता तुम कुल माता , हम सब का उद्धार करे ।
चरण शरण का लिया आसरा तेरी कृपा से काज सरे ।।
बॉह पकड कर आप उठाओ , हम शरण तेरी आन पडे ।
जब भीड पडे भक्तो पर , तब माँ बायण सहाय करे ।।
हंस आरूढ़ होय अम्बिका राणा हमीर री सहाय करे ।
जंग जिता राज दिलाया , महाराणा पदवी राण धरे ।।
कन्याकुमारी अर वरदायिनी , माँ तुमने ही रूप धरे ।
दोष न देख अपना लेना , अच्छे बुरे पूत हम तरे ।।
माँ बायण की महिमा जो गावे , माँ उसके भण्डार भरे ।
दर्शन ताहिं जो नर आवे , माँ उसकी मंशा पूरी करे ।।
कुलदेवी को जो ध्यावे , माँ उसके कुल में वृद्दि करे ।
कलि में कष्ट मिटेगें सारे , माँ की जो जयकार करे ।।
श्री बाण माताजी प्रसन्न
श्री बायण माता सदा सहाय
श्री ब्राह्मणी माता प्रसन्नोस्तु
श्री बाणेश्वरी दैव्ये नम:
👍 @[306557149512777:]
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