श्री बाण माताजी मंदिर सरवानिया महाराजा ( मध्यप्रदेश )
श्री बाण माताजी का यह मंदिर सरवानिया महाराजा गाँव में स्थित हैं , कुलस्वामिनी जगत जननी श्री बाण माताजी हमेशा अपने कुल की रक्षा हेतुं जानी जाती हैं मेवाड़ राजवंश सिसोदिया गहलोतं वंश के राजस्थान में जितने भी गढ़ या रावले हैं उन सब की रक्षा हेतुं वहां माँ बाणेश्वरी के छोटे-बड़े मंदिर या थान बने हुए हैं ।
ऐसे ही मध्यप्रदेश के सरवानिया महाराज ठिकाने के गढ़ में श्री बायण माताजी का यह मंदिर बना हुआ हैं , श्री बाण माताजी भक्त मण्डल जोधपुर की जानकारी के अनुसार लगभग 250-300 साल पूर्व यह गाँव बसाया गया था । उदयपुर से सुजानपुर एक परिवार आकार बसा , सुजानपुर से ही इनके एक भाई मोकम सिंह सरवानिया आए और इस गाँव को बसाया और एक श्रवण नामक भील के नाम पर इस गाँव का नाम सरवानिया महाराज रखा ।
इस गाँव को बसा यहां मोकम सिंह जी ने श्री बायण माताजी और प्रभु श्री राम का मंदिर बनवाया गया , धीरे-धीरे समयानुसार बायण माताजी का मंदिर खंडहर बनता गया , दो साल पूर्व मुंबई से मुर्तीकार को बुलाकर चित्तौड़ में विराजमान श्री बाण माताजी के समान मूर्ती बनाई गई ।
दो साल पूर्व इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कर श्री बायण माताजी की नवीन प्रतिमा की स्थापना की गयी ।
श्री बाण माताजी की महिमा अपरंपार हैं , अपने कुल का कल्याण हेतु देवी का ध्यान करें और इनकी पूजा और आराधना करें , माँ कल्याणकारी हैं और ममतामयी हैं जो इनकी शरण में आते हैं उनका कल्याण अवश्य करती हैं ।
गढ़ सरवानिया मायने , बैठी धनुष-बाण ले हाथ |
मोकम सिंह जी मंदिर बणायो , प्रभु श्रीराम रे साथ ||
सरवानिया में देवरों , बैठी मोटी मात |
रक्षा देवी राखजें , सुणजे मोरी बात ||
अरज करूँ माँ आपसे , सुनियो दया निधान |
मुझ चरण शरण देना , महामाया माँ बाण ||
जय माँ बायण
🌞 चित्तौड़गढ़ री राय , सदा सेवक सहाय 🌞
👍 @[306557149512777:]
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