श्री बायण माताजी श्रृंगार
दिव्य सिंहासन विराजित दिव्य मूर्ती बालिका |
दिव्य भूषण वसन सूंदर दिव्य ज्योति त्रिपालिका ||
दिव्य माणिक मुकुट जगमग दिव्य मणि ताटका हैं |
दिव्य नैन विशाल झलमल दिव्य भृकुटि वक्र हैं ||१||
दिव्य लाल ललाट सोहै दिव्य मुक्ता नासिका |
दिव्य हार सो हार हिरदे दिव्य ज्योति प्रकाशिका ||
दिव्य अंगद बाहु मडित दिव्य ककण कर लसै |
दिव्य सूंदर अत्र मुक्ता दिव्य किंकिन कटि लसै ||२||
दिव्य पैंजिन पाय घुंघरू दिव्य नूपुर अति बने |
दिव्य रूप श्रृंगार नख शिख दिव्य भूषण हैं घने ||
दिव्य बहु पनि पानि कंदुक लिलहो उर छा रही |
इमि लसत दिव्य स्वरुप देवी बायण कौन पसारही ||३||
🙏 @[306557149512777:]🙏
🚩 चित्तौड़गढ़ री राय, सदा सेवक सहाय 🚩
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